बचपन में एक कहावत पढ़ी थी “एक अनार सौ बीमार” तब गुरू जी लोगो ने जो समझाया वही समझ लिया .... लेकिन आज उसका दूसरा सन्दर्भ भी समझ में आ गया कि एक अनार खरीदने में अगर 23 रू. देने पड़े तो 100 क्या न जाने कितने बीमार ही रहेंगे। बात यूँ है कि मैं आज पहली बार प्रात: भ्रमण पर निकला तो JNU स्थित ‘सफल स्टोर’ (जो फल और सब्जी बेचता है) पर पहुँचा तो देखा कई लोग फल और सब्जी खरीद रहे है मैं भी उस भीड़ में शामिल हो गया.... अपने लिए फल खरीदने .. हाँलाकि मैं फलो का नियमित ग्राहक नहीं हूँ तो मुझे कीमतो का अन्दाजा नहीं था और मुझें वायरल है तो डॉक्टरो ने फल खाने का सझाव दिया था तो मैने सेब और अनार खरीदे सेब की कीमत 35 रू में 4, लेकिन 2 अनार की कीमत 46 रू अदा की । तब मेरे मुह से अपने आप ही निकल पड़ा कि इस अनार को खाने में तो 100 क्या हजारो बीमार पड़ जाएंगे।
बढ़िया प्रस्तुति .......
जवाब देंहटाएंयहाँ भी आये और अपनी बात कहे :-
क्यों बाँट रहे है ये छोटे शब्द समाज को ...?
बहुत सही सोच|
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
जवाब देंहटाएंकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंअच्छा लेखन। बधाई ।
जवाब देंहटाएंएक अनार हजार बीमार
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